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Ganga Sharan Passi A Vigilant and Disciplined Educator Honored by the India Proud Book of Records

गंगा शरण पासी: शिक्षा के क्षेत्र में अनुशासन और जागरूकता का प्रतीक

रायपुर, छत्तीसगढ़ की गंगा शरण पासी ने शिक्षा के क्षेत्र में अपनी अनूठी दृष्टि और समर्पण से छात्रों को जागरूक और अनुशासित करने का कार्य किया है। उनके इस उत्कृष्ट योगदान को इंडिया प्राउड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स ने न केवल सम्मान दिया है बल्कि उन्हें “आईपीबीआर 2024” के जागरूक शिक्षिका सम्मान से भी नवाजा है। यह सम्मान उन्हें 31 जनवरी 2024 को प्रदान किया गया और इसे इंडिया प्राउड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज किया गया है।

गंगा शरण पासी ने अपने शिक्षण के माध्यम से छात्रों में न केवल शैक्षिक उत्कृष्टता का संचार किया है बल्कि उनके अनुशासन और जिम्मेदारी की भावना को भी विकसित किया है। उनके प्रयासों से कई छात्र न केवल शिक्षा के क्षेत्र में बल्कि अपने व्यक्तिगत जीवन में भी अनुशासन और जागरूकता के महत्व को समझने लगे हैं।

उनके इस महान कार्य के लिए हमें गर्व है कि वे भारत की शिक्षा प्रणाली में महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं। गंगा शरण पासी न केवल एक शिक्षक हैं बल्कि समाज के लिए एक प्रेरणास्त्रोत भी हैं। उनके समर्पण और मेहनत से यह स्पष्ट होता है कि वे शिक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण बदलाव ला रही हैं।

गंगा शरण पासी का यह सम्मान उनके अथक प्रयासों और उनकी दृष्टि की पहचान है, जो उन्होंने अपने छात्रों के विकास और समाज में सकारात्मक परिवर्तन के लिए की है। हम आशा करते हैं कि उनके जैसे और भी शिक्षक भारत में उभरें और शिक्षा के क्षेत्र में नई ऊंचाइयों को छुएं। उनका यह सम्मान हमें यह भी सिखाता है कि सच्चे समर्पण और मेहनत से कोई भी लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है।

गंगा शरण पासी के इस सम्मानजनक उपलब्धि के लिए हम उन्हें हार्दिक बधाई देते हैं और उनके उज्जवल भविष्य की कामना करते हैं। उनके कार्यों ने न केवल रायपुर बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ और भारत को गर्वित किया है। उनके योगदान को देखते हुए यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगी कि गंगा शरण पासी शिक्षा के क्षेत्र में एक आदर्श और अनुकरणीय व्यक्तित्व हैं।

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